बैजूधाम गया, अद्भुत चमत्कारी है

बाबा बैजू धाम गया अद्भुत चमत्कारी है

बैजूधाम गया में श्रावणी मेला शुरू

गुरुआ प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर बाबा बैजूधाम गया में अवस्तिथ है। वैसे तो यहाँ सालो भर भक्तो का आना जाना लगा रहता है, लेकिन श्रावणी मेला शुरू होते की कावरियों की भारी भीड़ लगने लगती है। बाबा बैजूधाम गया में सालो भर शादी विवाह तथा अन्य कार्यकर्म चलता रहता है। श्रावणी मेला को लेकर बैजूधाम सज-धजकर तैयार हो जाता है। सावन की पहली सोमवारी को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है.

baba_baijudham_temple_Gaya

मोरहर नदी पर पुल की सुविधा नहीं रहने से कावरियों को आने जाने में काफी परेशानी होती थी। मोरहर नदी पर बने पुल से आवागमन शुरू हो जाने से अब भक्तो को आने जाने में काफी सुबिधा होती है। पुल का निर्माण होने से श्रावण महीने में कावंरियों की अधिक भीड़ जुटने लगी है।

मोरहर नदी के तट पर होने के कारण यहा का दृश्य मनोरम लगता है

आस्था व पर्यटन के दृष्टिकोण से बाबा बैजूधाम गया में तेजी से विकास हुआ है। बोधगया, राजगीर, नालंदा की तर्ज पर बैजूधाम रमणीक स्थल के रूप में चर्चित हो रहा है। यहा तालाब, विवाह मंडप, पार्क सहित कई साधन व संसाधन उपलब्ध हैं। प्राकृतिक छटा भी लोगों को अपनी ओर खींच लाती है। चारों ओर जंगल, पहाड़ और मोरहर नदी के तट पर होने के कारण यहा का दृश्य मनोरम लगता है।

morhar_river_baijudham_Gaya

ये भी पढ़े

बराबर पहाड़ की गुफाये क्यों है, इतनी रहस्यमयी

विष्णुपद मंदिर जहाँ विष्णु का चरण आज भी अंकित है

बैजूधाम गया में शिवलिंग की स्थापना

1 सितंबर 2000 को मोरहर नदी में भयानक बाढ़ आई थी। बाढ़ की बिभीषिका देखने के लिए बैजू बिगहा गांव के लोग गाय चराते हुए मरहक पहाड़ पर चढ़ गए थे। कामेश्वर यादव नामक एक व्यक्ति अपने डंडे से पहाड़ पर जमी मिट्टी को खोद रहे थे। उन्हें अचानक अद्भुत स्थिति में काला रंग का पत्थर दिखाई दिया। सब लोग मिलकर मिट्टी हटाने लगे, इसी खुदाई में एक विशाल शिवलिंग निकला।

Baiju_dham_gaya

यह खबर इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई। लोग कहने लगे कि बिहार का बंटवारा ( बिहार का बंटवारा कर झारखंड अलग राज्य बना ) होने के बाद देवघर के भोले बाबा झारखंड में चले गए। इसलिए बिहार में मरहक की पहाड़ी पर बाबा भोलेनाथ बैजूधाम के रूप में उत्पन्न हुए है।

बैजूधाम गया को बिहार का  बाबाधाम का दर्जा प्रदान किया

शिवलिंग के उपर आने के बाद आसपास के लोग शिवलिंग की पूजा अर्चना करने लगे। इस बात की जानकारी मिलते ही बिहार सरकार के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री शकील अहमद खा व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव यहां पहुंचे। लालू प्रसाद ने यहा के बैजूधाम को बिहार का  बाबाधाम का दर्जा प्रदान किया गया। बैजूधाम गया को एक धार्मिक स्थल के रूप में विकास के लिए निवर्तमान सरकार ने वहाँ काफी ज्यादा योजनाओं का स्वीकृति प्रदान किया।

Kawariya_Near_BaijuDham_Gaya

बैजूधाम गया – पर्यटन के दृष्टिकोण से बिहार में एक विशेष स्थान रखता है

बैजूधाम के विकास में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम माझी का योगदान विशेष तौर पर रहा। उन्होंने अपने कार्यकाल में बैजूधाम का विशेष तौर पर विकास कराया। दो वर्ष पहले विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह के प्रयास से श्रावणी मेला का उद्घाटन करने आए थे। उस दिन श्री अनुज कुमार सिंह ढाई करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की घोषणा की थी।

Visiter_Baijudham_Gaya
Visiter_Near_Baijudham_Gaya

इसके बाद से बैजूधाम का विकास काफी तेजी से हुआ। आज पर्यटन के दृष्टिकोण से बिहार में एक विशेष स्थान रखता है, बैजूधाम

ऐसे ही और informational Posts पढ़ते रहने के लिए और नए blog posts के बारे में Notifications प्राप्त करने के लिए हमारे website Notification Ko Allow कीजिये. इस blog पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने के लिए नीचे comment कीजिये.

हमारे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Google+ और Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

 

Renu Sinha: हेलो दोस्तों, मेरा नाम रेणु सिन्हा है. मुझे लिखना तथा पढ़ना और लोगो को बताना पसंद है. जैसे जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है, वैसे ही इंडिया भी डिजिटल होता जा रहा है. तो हम भी कुछ सीखेंगे कुछ सिखाएगे, इंडिया को थोड़ा और डिजिटल तथा युवाओ को सशक्त बनायगे.

View Comments (1)

  • That is a very good tip especially to those new to the
    blogosphere. Simple but very accurate info… Thanks for sharing
    this one. A must read post!

Related Post

This website uses cookies.