दिनेश लाल यादव “निरहुआ” कैसे बन गए
दिनेश लाल यादव भोजपुरी के जाने-माने सुपरस्टार हैं. लेकिन बहुत लोगों को यह पता नहीं होगा कि दिनेश लाल यादव अपने नाम के अंत में निरहुआ क्यों लगाते हैं और कई उनके फैंस को यह पता नहीं होगा कि दिनेश लाल यादव कैसे बन गए. दिनेश लाल यादव का निरहुआ बनने के पीछे दिलचस्प घटना है, जो उन्होंने एक अपने इंटरव्यू में इसके पीछे उस घटना का जिक्र किया.
दिनेश लाल यादव निरहुआ को क्यों लगा की मुझे कुछ काम करना चाहिए
दिनेश लाल यादव पूरा विस्तार पूर्वक बताया कि वें जब कोलकाता से वापस अपने गांव आए. मुझे लगा कि अब मुझे कुछ काम करना चाहिए. उनके फैन को बताते चलें कि दिनेश लाल यादव ने अपनी पढ़ाई कोलकाता में अपने पिताजी के साथ रह कर किया है और उन्होंने अपने बचपन के दिन कोलकाता में बिताई है. गांव लौट कर आए तो दिनेश लाल यादव को लगा कि अब मुझे कुछ काम करना चाहिए. इसके लिए उन्होंने अनेक तरह का काम करने के लिए सोचा लेकिन बाद में उन्हें लगा कि इधर उधर काम के लिए क्यों घूमें.
दिनेश लाल यादव के घर में जो भगवान ने भर भर के दिया था
उन्होंने अपने उस इंटरव्यू में बताया कि उनके घर में विरहा गायक तथा अच्छे बिरहा के लेखक भी उनके घर में थे. अपने घर के बारे में बताया कि उनके पिताजी भी एक बिरहा गायक थे. उनके बड़े पिताजी तथा उनका बेटा विजय लाल यादव उस समय विरहा गायन में काफी ख्याति अर्जित कर चुके थे। उनके एक बड़ा भाई प्यारे लाल कवि, बिरहा के एक अच्छे लेखक के रूप में जाने जाते थे. दिनेश लाल यादव ने सोचा कि काम के लिए क्यों इधर-उधर भटके. उनके घर में जो भगवान ने भर भर के दिया था, उनका ही फायदा क्यों न उठाया जाए. दिनेश लाल यादव ने इस बारे में चर्चा की तो उनके पिताजी ने भी दिनेश लाल यादव को गायक बन जाने की सलाह दी.
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दिनेश लाल यादव का एक एल्बम “निरहुआ सटल रहे” आया था
दिनेश लाल यादव खुद अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि 2003 में इनका एक एल्बम “निरहुआ सटल रहे” आया था. जिसे टी सीरीज ने 22 मार्च 2003 को रिलीज किया था, जिसके लिए उन्हें मेहनताना भी नहीं दिया गया था. इस एल्बम को बनाने में दिनेश लाल यादव को ₹20000 खर्च करना पड़ा था. लेकिन जिस कंपनी के लिए इन्होंने एल्बम बनाया था, वह कंपनी इसे लेने से मना कर दिया था. आखिरकार दिनेश लाल यादव को टी सीरीज के पास इसे रिलीज करने के लिए दिया था. यह एल्बम के कारण है, ही दिनेश लाल यादव को एक स्थापित कलाकार के रूप में बिहार यूपी में पहचान मिला था.
दिनेश लाल यादव “निरहुआ” के हाथ पैर कांपने लग गए थे
दिनेश लाल यादव स्टेज शो के लिए बिहार के मोहनिया में उस समय आये थे. जहां लाखों की भीड़ उन्हें सुनने के लिए आए हुए थे और वहां उन्हे पहली बार इतनी भीड़ के सामने लाइव परफॉर्मेंस का मौका मिला था. क्योंकि वहां जो पब्लिक आई थी वह उनके एल्बम निरहुआ सटल रहे से जानने के कारण ही इन्हें सुनने के लिए आये हुये थे. दिनेश लाल यादव बताते हैं, कि इतनी भीड़ देखकर उनके हाथ पैर कांपने लग गए थे लेकिन किसी तरह से उन्होंने अपना बिरहा गायन शुरू किया.
उपस्थित दर्शको ने निरहुआ निरहुआ चिल्लाना शुरू कर दिया
उपस्थित दर्शको ने निरहुआ निरहुआ चिल्लाना शुरू कर दिया. वहाँ उपस्थित दर्शक उन्हें निरहुआ सटल रहे एल्बम के गाना गाने के लिए वह निरहुआ निरहुआ चिल्ला रहे थे. दिनेश लाल यादव ने उस एल्बम के गाना दर्शकों को सुनाया. जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया.
दिनेश लाल यादव ने रात भर वही गाने दर्शको को सुनाते रहे
इस गाने को सुनाने के बाद वे फिर से बिरहा गायन शुरू किया तो लोगों ने फिर से निरहुआ निरहुआ का शोर मचाना शुरू किया. उन्होंने कई बार इस गाने को स्टेज शो प्रोग्राम में लाइव उपस्थित दर्शकों को सुनाया, लेकिन भीड़ ने तो कसम ही खा ली थी. उनको उपस्थित दर्शक दूसरा गाना गाने ही नहीं दे रहे थे और वह सीधे निरहुआ निरहुआ की रट लगाए हुए थे. उस स्टेज शो प्रोग्राम में दिनेश लाल यादव ने रात भर वही गाने दर्शको को सुनाते रहे.
दिनेश लाल यादव को लोग निरहुआ बुलाना शुरू कर दिया
“निरहुआ सटल रहे” एल्बम के बाद तो वे एक स्थापित कलाकार के रूप में प्रचलित हो गए तथा उनके फैंस उन्हें निरहुआ ही बुलाना शुरू कर दिया. दिनेश लाल यादव ने सोचा कि जब लोगों ने हमें निरहुआ बुलाना ही शुरू कर दिया है तो क्यों ना अपने नाम के पीछे निरहुआ जोड़ दिया जाए. इसके बाद से वे अपने नाम के पीछे निरहुआ शब्द का इस्तेमाल शुरू कर दिया जो आज भी अपने निक नेम निरहुआ के नाम से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित है.
सलमान खान ने भी “निरहुआ” से ही दिनेश लाल यादव को संबोधित किया था
उन्हें बिग बॉस में भी काम करने का मौका मिला था. जहां उन्हें सलमान खान ने भी “निरहुआ” से ही संबोधित किया था. दिनेश लाल यादव अपने आपको निरहुआ से बुलाने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं.
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