Maa Mangla Gauri Temple Gaya | माँ मंगलागौरी जो है, चमत्कारी

Maa Mangla Gauri Temple Gaya | माँ मंगलागौरी जो है, चमत्कारी

गया स्थित Maa Mangla Gauri  Mandir शक्तिपीठ कामाख्या शक्तिपीठ के बराबर ही शक्ति प्रदान करने वाली है। धर्मशास्त्र के अनुसार सती के दो महत्वपूर्ण अंगों में से एक योनिमंडल कामाख्या में तथा दूसरा स्तन मंडल यानी मंगल भाग गया में गिरा था। 

Maa Mangla Gauri  Mandir शक्तिपीठ गया शहर के दक्षिणी छोर पर छोटे से पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत को भस्मकूट पर्वत कहते है। विष्णुपद मन्दिर यहाँ से थोड़ी ही दूरी पर है।

यहाँ भक्तिभाव से पूजन करने वाले को अवश्य पुत्र, धन, अच्छे वर, विद्या आदि का लाभ होता है एवं मन की सारी इच्छाओं की पूर्ति होती है। 

Maa Mangla Gauri  Mandir  शक्तिपीठ की महिमा का बखान करते हुए कई भक्तों ने बताया कि उन्होंने Maa Mangla Gauri  Mandir के दरवार में कई दुःखियों के दुःख और असाध्य रोगों को दूर होते देखा है।

Maa Mangla Gauri  Mandir
Maa Mangla Gauri  Mandir

Maa Mangla Gauri  Temple, यहां पूरी होती है हर मनोकामना पुरी

मान्यता है कि इस मंदिर में आकर जो भी सच्चे मन से मां की पूजा व अर्चना करते हैं, मां उस भक्त पर खुश होकर उसकी मनोकामना को पूर्ण करती है. गया शहर से कुछ ही दूरी पर भस्मकूट पर्वत पर स्थित शक्तिपीठ Maa Mangla Gauri  Mandir पर सुबह से ही भक्तों का तांता लग जाता है। 

मान्यता है कि यहां मां सती का वक्ष स्थल (स्तन) गिरा था, जिस कारण यह शक्तिपीठ ‘पालनहार पीठ’ या ‘पालनपीठ’ के रूप में प्रसिद्ध है। 

Maa Mangla Gauri  Mandir
Maa Mangla Gauri  Mandir

स्तन का एक टुकड़ा गया के भस्मकूट पर्वत पर गिरा था

पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, भगवान भोले शंकर जब अपनी पत्नी सती का जला हुआ शरीर लेकर तीनों लोकों में उद्विग्न होकर घूम रहे थे तो सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से काटा था। 

इसी क्रम में मां सती के शरीर के टुकड़े देश के विभिन्न स्थानों पर गिरे थे, जिसे बाद में शक्तिपीठ के रूप में जाना गया। 

इन्हीं स्थानों पर गिरे हुए टुकड़े में स्तन का एक टुकड़ा गया के भस्मकूट पर्वत पर गिरा था।  इस शक्तिपीठ को असम के कामरूप स्थित मां कमाख्या देवी शक्तिपीठ के समान माना जाता है। 

Maa Mangla Gauri  Temple Gaya मंगलागौरी
Maa Mangla Gauri Temple Gaya मंगलागौरी

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Maa Mangla Gauri  Temple Gaya में मां नित्य निवास करती हैं

कालिका पुराण के अनुसार, गया में सती का स्तन मंडल भस्मकूट पर्वत के ऊपर गिरकर दो पत्थर बन गए थे। इसी प्रस्तरमयी स्तन मंडल में Maa Mangla Gauri  Mandir में  मां नित्य निवास करती हैं, जो मनुष्य शिला का स्पर्श करते हैं, वे अमरत्व को प्राप्त कर ब्रह्मलोक में निवास करते हैं। 

इस शक्तिपीठ की विशेषता यह है कि मनुष्य अपने जीवन काल में ही अपना श्राद्ध कर्म यहां संपादित कर सकता है। 

Maa Mangla Gauri  Temple मंदिर के गर्भगृह में अखंड दीप जलता रहता है

Maa Mangla Gauri  Temple द्विविभागीय मंडपाकृति पूर्वाभिमूख है। मन्दिर में घुसने का दरवाजा काफी छोटा है। भक्तगण झुककर अंदर जाते है और पूजा-अर्चना करके भगवती की कृपा प्राप्त करते है। मन्दिर के गर्भगृह में अखंड दीप जलता रहता है जिसके दर्शन मात्र से आध्यात्मिक संतुष्टि प्राप्त होती है।

मन्दिर में अन्य कई मूर्तियाँ भी है। जो देवी माँ का अतिप्रिय वृक्ष है, वो सालों भर हरा-भरा रहता है। परिसर में भी गणेशजी का एक छोटा मन्दिर है। मन्दिर के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ है। इसी के पीछे खड़गधारी दुर्गा माँ का मन्दिर है।

इसके पास ही माँ का विचित्र रूप लिये एक मन्दिर के सामने दो मंजिलों में बटा शिव मन्दिर है जिसके बाहरी तल्लों में शिवजी का वाहन नन्दी और अंदर शिवलिंग स्थापित है।

Maa Mangla Gauri  Mandir से भक्तों को खाली हाथ नहीं भेजतीं

मान्यता है कि इस मंदिर में आकर जो भी सच्चे मन से मां की पूजा व अर्चना करते हैं, मां उस भक्त पर खुश होकर उसकी मनोकामना को पूर्ण करती है। ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने वाले किसी भी भक्त को Maa Mangla Gauri  Mandir से खाली हाथ नहीं भेजतीं। 

इस मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।  यहां गर्भगृह में ऐसे तो काफी अंधेरा रहता है, परंतु यहां वर्षो से एक दीप प्रज्वलित हो रहा है। कहा जाता है कि यह दीपक कभी बुझता नहीं है। 

Maa Mangala Mantra | Bhajan | Image | मंगलागौरी
Maa Mangala Mantra | Bhajan | Image | मंगलागौरी

इस मंदिर में सिर्फ यहां के नहीं, बल्कि विदेशी भी आकर Maa Mangla Gauri  Temple में पूजा अर्चना करते हैं। Maa Mangala Gauri  Temple में पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं को 100 से ज्यादा सीढ़ी चढ़कर ऊपर जाना पड़ता है। 

मंदिर का उल्लेख, पद्म पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण और अन्य लेखों में मिलता है

इस मंदिर का उल्लेख, पद्म पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण और अन्य लेखों में मिलता है।  तांत्रिक कार्यो में भी इस मंदिर को प्रमुखता दी जाती है। हिंदू संप्रदाय में इस मंदिर में शक्ति का वास माना जाता है। 

इस मंदिर में उपा शक्तिपीठ भी है, जिसे भगवान शिव के शरीर का हिस्सा माना जाता है।  शक्ति पोषण के प्रतीक को एक स्तन के रूप में पूजा जाता है। 

महाष्टमी व्रत के दिन यहां बड़ी संख्या में मां के भक्त पहुंचते हैं.

मंदिर के गर्भगृह में देवी की प्रतिमा रखी है, यहां भव्य नक्काशी बनी हुई है. मंदिर के सामने वाले भाग में एक मंडप बना हुआ है। मंदिर परिसर में भगवान शिव और महिषासुर की प्रतिमा, मर्दिनी की मूर्ति, देवी दुर्गा की मूर्ति और दक्षिणा काली की मूर्ति भी विराजमान है। 

यहां नवरात्र में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ जुटती है, परंतु महाष्टमी व्रत के दिन यहां बड़ी संख्या में मां के भक्त पहुंचते हैं। 

इस स्थान पर की गयी साधना व्यक्ति को और भी अधिक समृद्ध बनाती है

यहाँ नित्य पूजा करने वाले पुजारियों के अतिरिक्त प्रतिदिन दूर-दूर से सैकड़ो भक्तगण दर्शन करने आते हैं। विधि – विधान से पूजा ध्यान करते हैं। सप्ताह में मंगलवार को Maa Mangla Gauri  Mandir में भक्तों की संख्या चैगुनी हो जाती है। चैत्र तथा आश्विन नवरात्र के समय श्रद्धालुआं की भीड़ काफी बढ़ जाती है।

ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में इस स्थान पर की गयी साधना व्यक्ति को और भी अधिक समृद्ध बनाती है। मानोकामना पूर्ण होने पर भक्त प्रतिवर्ष यहां एक बार अवश्य आते है।

Maa Mangala Mantra | Bhajan | Image | मंगलागौरी
Maa Mangala Mantra | Bhajan | Image | मंगलागौरी

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मनुष्य अपने जीवन काल में ही अपना श्राद्धकर्म यहां सम्पादित कर सकता है

इस शक्तिपीठ की विशेषता यह है कि मनुष्य अपने जीवन काल में ही अपना श्राद्धकर्म यहां सम्पादित कर सकता है। जीवित अवस्था में अपने श्राद्ध कर्म करने का विधान और कहीं नहीं मिलता। ऐसी मान्यता है कि जिसका श्राद्ध कर्म करने वाला कोई न हो तो वह स्वयं अपने

Maa Mangala Mantra | Bhajan | Image | मंगलागौरी
Maa Mangala Mantra | Bhajan | Image | मंगलागौरी

लिए तिल रहित दही चर्तुभुज के दाहिने हाथ में दे तो वह मोक्ष प्राप्त कर लेगा।

कहा जाता है कि पांडवों में से महाबली भीम की पितृ ऋण से उद्धार पाने के लिए आये थे। शास्त्रानुसार पिण्डदान किये थे। भीम जब घुटने के बल पिण्डदान कर रहे थे, तब पृथ्वी नीचे की ओर कुछ धंस गई थी। वह स्थान आज भी Maa Mangala Gauri  Temple के पास ही दर्शनीय है।

Maa Mangla Gauri Temple Gaya Timings

Opening Time : 0600 AMClosing Time : 0800 PM
Open : DailyClosed on public holidays : No
Entery fee : FreeAuthorization : No
Maa Mangla Gauri Temple Gaya

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