गया के डॉ. अमरनाथ पाठक को पोस्ट डॉक्टोरल फ़ेलोशिप सम्मान
गया के जाने-माने पत्रकार, लेखक तथा स्तंभकार डॉ. अमरनाथ पाठक को विश्व हिंदी परिषद के द्वारा पोस्ट डॉक्टोरल फ़ेलोशिप सम्मान के लिए चुने गए हैं. अमर नाथ पाठक गया के रहने वाले हैं. उन्होंने अपना पढ़ाई लिखाई गया में ही ग्रहण किया है। गया शहर में स्तिथ महावीर उच्च विद्यालय से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त किये है। डॉ. अमरनाथ पाठक ने 2014 में बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की उपाधि प्राप्त किये थे.

विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ का भी नेतृत्व किये
डॉ. अमरनाथ पाठक अनेक दैनिक समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं के लिए नियमित रूप से लेख लिखते रहते हैं. डॉ. अमरनाथ पाठक, लेखन के अलावा समाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. वह फिलहाल मगध विश्वविद्यालय में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत है. उन्होंने मगध विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ का भी नेतृत्व किये है. उन्होंने भ्रष्टाचार तथा भाई भतीजावाद के खिलाफ आंदोलन किये। जो काफी सराहनीय कदम है।

ये भी जाने
देश का पहला कार्डियेलॉजिस्ट बिहारी निकला
मानपुर की एक प्रतिभा आदर्श ने बॉलीवुड में दिखाया अपना हुनर
दशरथ मांझी का फगुनी देवी से बचपन में ही विवाह हो गया था
देश की आज़ादी गांधी और खादी का योगदान
विश्व हिंदी परिषद ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उप लक्ष्य में देशभर से “महात्मा गांधी के आज़ादी में योगदान तथा खादी का राष्ट्रीयता में योगदान” के ऊपर प्रकाशित लेख आमंत्रित किया गया था. देशभर से विश्व हिंदू परिषद के पास अनेकों अनेक लेख प्राप्त प्राप्त हुआ था. डॉ. अमरनाथ पाठक ने 15 अगस्त 1989 दैनिक हिंदुस्तान में छपे अपने लेख “देश की आज़ादी गांधी और खादी” को विश्व हिंदी परिषद के पास पोस्ट डॉक्टोरल फ़ेलोशिप (D Litt ) के लिये भेजा था. इस आलेख को विश्व हिन्दी परिषद ने सबसे अच्छा लेख मांगते हुए इन्हें पोस्ट डॉक्टरेट फ़ेलोशिप के लिए चुन लिया गया. इसके अलावा इस लेख को काफी वाहवाही भी मिला।

महात्मा गांधी से संबंधित 1 दर्जन से अधिक लेख भी लिखे
डॉ. अमरनाथ पाठक ने दैनिक हिंदुस्तान, सहारा हिंदी अखबार और दैनिक भास्कर के लिए नियमित संवाददाता के रूप में भी काम किया किये है. इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी से संबंधित 1 दर्जन से अधिक लेख भी लिखे थे. डॉ. अमरनाथ पाठक के द्वारा लिखा गया लेख हमेशा से ही जन मानस को काफी पसंद किया गया था। इन्ही लेखो में उन्होंने “ देश की आज़ादी गांधी और खादी ” संबंधित आलेख लिखा था. जो की दैनिक हिंदुस्तान में 15 अगस्त 1989 को छपा था.

पुष्य सम्मान 2019 सम्मान से सम्मानित किया गया है
डॉ. अमरनाथ पाठक को विश्व हिंदी ज्योति तथा उत्तर प्रदेश मंडल ऑफ अमेरिका ( युपीएमए ) द्वारा पुष्य सम्मान 2019 सम्मान से सम्मानित किया गया है. उन्होंने एक दैनिक समाचार पत्र में अपने दिए गए इंटरव्यू में बताया कि “पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए सुखद है, क्योंकि ऐसा लगता है कि ओ मेरे लेखन को पहचान रहा है लेकिन मैं पुरस्कारों के लिए नहीं लिखता। मैं अपनी ऊर्जा और उत्साह के साथ लिखे बिना नहीं रह सकता हूँ।”

पोस्ट डॉक्टरेट फ़ेलोशिप सम्मान उन्हें प्रदान किया जाएगा
विश्व हिंदी परिषद द्वारा दिल्ली में एनडीएमसी सभागार में 13 – 14 सितंबर को होने वाले हिंदी भाषा और साहित्य पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पोस्ट डॉक्टरेट फ़ेलोशिप सम्मान उन्हें प्रदान किया जाएगा. इस अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक सम्मेलन के लिए पूरे विश्व से ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित लेखकों तथा कवियों का आना तय है।
ऐसे ही और informational Posts पढ़ते रहने के लिए और नए blog posts के बारे में Notifications प्राप्त करने के लिए हमारे website Notification Ko Allow कीजिये. इस blog पोस्ट से सम्बंधित किसी भी तरह का प्रश्न पूछने या किसी तरह की गलत जानकारी लगे तो नीचे तुरंत comment कीजिये. इसे तुरंत ही सही कर दिया जायेगा।
हमारे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Google+ और Twitter इत्यादि पर share कीजिये.